उत्तर प्रदेश कैरम एसोसियेशन का उद्येश्य,संविधान एवं नियमावली रजि0 संख्या- 147180

स्मृति-पत्र

1. संस्था का नाम- उ0 प्र0 कैरम ऐसोसिएशन।
2. संस्था का पता- एस0 21/82, इंगिलिशिया लाइन, वाराणसी-221001
3. संस्था का उद्देश्य- संस्था के निम्न उद्देश्य होंगे-

  1. कैरम खेल को उन्नत एवं विकसित करना तथा उसका सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में प्रचार एवं प्रसार करना।
  2. कैरम खेल की उन्नति के लिये प्रदेश के अन्दर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर उभरते हुये कैरम खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कराना जिससे प्रदेश के कैरम खेल का स्तर और ऊंचा हो सके।
  3. जिला कैरम इकाईयों एवं प्रदेश स्तरीय निगमों के गठनों के कार्य को प्रोत्साहित करना।
  4. उत्तर प्रदेश की टीम का चयन करना तथा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए
    भेजना।
  5. सामान्यतया उन सभी कार्यों को करना जिससे उत्तर प्रदेश कैरम खेल जगत को बढ़ावा
    मिलने की संभावना हो और जो उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक हो।
  6. विशेष परिस्थितियों में देश एवं प्रदेश वासियों की तन, मन, धन से सेवा।

नियमावली

1.  संस्था का नाम – उ0 प्र0 कैरम ऐसोसिएशन ।
2. संस्था का पता – एस0 21/82 इंगिलिशया लईन, वाराणसी-221001
3. संस्था का कार्य क्षेत्र – सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश। जैसा भारत के संविधान के अनुसार उल्लेखित होगा या उल्लेखित किया जाएगा।
4. परिभाषा –  सामान्यतया निम्न शब्दों का अर्थ उनके सम्मुख लिखे अनुसार लिया जाएगा जबतक
उसका नियमावली/उद्देश्य के अनुसार कोई अन्य अर्थ लेना आवश्यक न हो।

  • क- ‘‘ऐसोसिएशन’’ का अर्थ होगा- उ0 प्र0 कैरम एसोसिएशन।
  • ख- ‘‘उ0 प्र0’’ का अर्थ होगा- सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश जैसा भारत के संविधान के अनुसार उल्लेखित होगा या
    उल्लेखित किया जाएगा।
  • ग- ‘‘क्लब’’ का अर्थ होगा- क्लब, ऐसोसिएशन, जिमखाना। अथवा सरकारी गैर सरकारी क्लब जो
    उत्तर प्रदेश में कर्यरत हों तथा कैरम खेल को प्रोत्साहित करते हों तथा उसमें उनकी रुचि हो।
  • घ- ‘‘जिला संघ’’ अथवा जिला इकाई का अर्थ होगा- ऐसे जिला ऐसोसिएशन जो उ0 प्र0 कैरम ऐसोसिएशन के
    उद्देश्यों एवं नियमों के अन्तर्गत गठित हों।
  • ड़- ‘‘खिलाड़ी’’ का अर्थ होगा- कोई भी कैरम खिलाड़ी जो उ0 प्र0 कैरम ऐसोसिएशन से सम्बद्ध हो।
  • च- ‘‘कौंसिल’’ का अर्थ होगा- ऐसोसिएशन की साधारण सभा।
  • छ- ‘‘कमेटी’’ का अर्थ होगा- ऐसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति।
  • ज- ‘‘सदस्य’’ का अर्थ होगा- इसके अन्तर्गत ऐसोसिएशन के संरक्षक/पदाधिकारी सम्मानित सदस्य, आजीवन सदस्य, सभी जनपदीय इकाईयां, जिनका गठन ऐसोसिएशन के नियमों के अन्तर्गत हुआ हो और जिन्हें ऐसोसिएशन से मान्यता प्राप्त हो।
  • ट- ‘‘पदाधिकारी’’ का अर्थ होगा- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, अवैतनिक सचिव, अवैतनिक संयुक्त सचिव एवं अवैतनिक
    कोषाध्यक्ष।
  • ठ- ‘‘नियम’’ का अर्थ होगा- वे सभी नियम-कानून व नियमों जो सामान्यतया ऐसोसिएशन पर लागू हैं।
  • ड- ‘‘टूर्नामेन्ट’’ का अर्थ होगा- खुली आमंत्रण प्रतियोगिता, चैम्पियनशिप, अथवा प्रदर्शन मैच, वह चाहे लीग
    हो अथवा नाक आउट।
  • ढ- ‘‘वर्ष’’ का अर्थ होगा- बारह माह का वह समय जो 1 मई से प्रारम्भ होकर 30 अप्रैल तक समाप्त होगा।
  • ण- ‘‘यहां उल्लेखित नियमों में जहां कहीं भी पुलिंग एवं एक वचन का प्रयोग किया गया है उसे
    आवश्यकतानुसार स्त्रीलिंग व बहुवचन के रूप में प्रयोग किया गया माना जाएगा।’’

5 . नियम का प्रभाव – ऐसोसिएशन के सभी सदस्य नियम व संविधान को मानने
के लिये अपनी स्वीकृति के साथ बाध्य होंगे। समय-समय पर ऐसोसिएशन द्वारा नियमों व संविधान में किये जाने वाले परिवर्तन भी सभी सदस्यों को मान्य होंगे व उन पर बाध्यकारी होंगे।

6 .गठन – ऐसोसिएशन का गठन निम्न सदस्यों की श्रेणियों के अन्तर्गत होगा।
                1.मुख्य संरक्षक एवं संरक्षक।
                2.सम्मानित सदस्य।
                3.एसोसिएट्स सदस्य

7. उ0 प्र0 राज्य के अन्तर्गत कोई जिला कैरम ऐसोसिएशन सदस्य बनने का अधिकारी होगा। इसके लिए उसके सचिव/अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र, नियमावली बाइलाज के साथ जिसके अन्तर्गत पदाधिकारियों की सूची भी संलग्न हो उत्तर प्रदेश कैरम ऐसोसिएशन के सचिव/अध्यक्ष के नाम प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र के साथ एफिलियेशन फीस (सम्बद्धता शुल्क)।

8 . पदाधिकारियों का कार्यकाल – ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों का कार्यकाल 4 चार वर्ष होगा जिसे एक सत्र माना जायेगा। निर्धारित अवधि बीतने के पूर्व ही दूसरे चुनाव की प्रक्रिया पूरी करायी जायेगी। परिस्थिति विशेष में साधारण सभा द्वारा इस अवधि को केवल तीन माह तक ही बढ़ाया जा सकता है। अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष अपनी इच्छानुसार पुन: दुबारा चुनाव लड़ सकते हैं। परन्तु इस दूसरे सत्र में इसी पद के लिये उसे चुनाव में उसे कम से कम 2/3 दो तिहाई सदस्यों का बहुमत प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अभाव में उसे विजयी घोषित नहीं किया जायेगा। इन पदों के लिए दो माह के अन्दर पुन: चुनाव की प्रक्रिया अपनायी जायेगी परन्तु दूसरे सत्र के लिए पराजित हो चुके इन तीनों पदों में से किसी भी व्यक्ति का नामांकन ग्राह्य नहीं होगा।

9 . पदाधिकारी –

  1.  अध्यक्ष-1
  2. उपाध्यक्ष-6
  3. सचिव-1
  4. संयुक्त सचिव-4
  5. कोषााध्यक्ष-1
  6. निर्णायक प्रतिनिधि-1

इसके अलावा कार्य समिति के सत्रह अन्य सदस्य।
उपरोक्त सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल एक सत्र अर्थात् 4 वर्ष का होगा जो प्रत्येक चार वर्ष पूरे होने पर होने वाले चुनाव में विजयी होने व नये पदाधिकारियों के चार्ज लेने तक अपने कार्य पर कार्य वाहक के रूप में बने रहेंगे।

10. सहयोग शुल्क –

क- सदस्यता के लिए आवेदन-पत्र के साथ जमा करने वाली सम्बद्धता शुल्क फीस निम्न होगी।
        1.  क्लब या ऐसोसिएट्स सदस्य ……………. रु0 200/-
        2.  जिला/एसोसिएशन/संस्थाएं आ​िद………… रु0 200/-

ख- वार्षिक शुल्क जो 30 अप्रैल के पहले जमा होना चाहिए निम्न प्रकार होगा-
        1. क्लब या ऐसोसिएट्स सदस्य …………….. रु0 200/-
        2. जिला/ऐसोसिएशन/संस्थाएं आ​िद ………. रु0 200/-

ग- वार्षिक शुल्क जो 30 मार्च के पूर्व तक जमा होना चाहिये निम्न प्रकार होगा

        1. क्लब या ऐसोसिएट्स सदस्य …………….. रु0 200/-
        2. जिला/ऐसोसिएशन/संस्थाएं आ​िद ……….. रु0 200/-

घ- कोई भी ऐसा सदस्य जो सहयोग राशि सम्बद्धता या एसोसिएशन के अन्य किसी भी प्रकार के देय के सम्बन्ध में
लगातार बकाएदार होगा ऐसे सदस्य को ऐसोसिएशन की ओर से बकाया धनराशि जमा करने के लिये नो​िटस दी जायेगी। नो​िटस ​िदये जाने के तीन माह के भीतर य​िद सदस्य देय राशि का भुगतान नहीं करता है तो कार्यकारिणी समिति ऐसे सदस्य की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पारित करेगी। तत्पश्चात ऐसे सदस्य का नाम सदस्यता सूची से निकाल ​िदया जायेगा।

ड़- पुन: प्रवेश- ऐसी संस्था अथवा सदस्य जिसे बकाया के कारण सदस्यता से वंचित किया जा चुका हो पुन: सदस्य बनने के लिए उसके सचिव/अध्यक्ष द्वारा पुन: प्रवेश हेतु देय बकाया सभी राशि एवं चालू सत्र के सहयोग सम्बद्धता राशि के साथ लि​िखत आवेदन देने पर कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार उसकी सदस्यता पुन: स्वीकार की जा सकती है। परन्तु किसी भी संस्था/सदस्य को ऐसा मौका केवल एक बार ​िदया जा सकेगा।

11. व्यवस्था –
ऐसोसिएशन के सभी क्रियाकलापों की व्यवस्था प्रशासन एवं संचालन का कार्य साधारण सभा तथा कार्यकारिणी समिति जो साधारण सभा द्वारा चुनी जायेगी करेगी।

12. साधारण सभा –
सधारण सभा का गठन निम्नानुसार होगा-
        1.पदाधिकारी।

        2.ऐसोसिएशन की सभी सम्बद्ध संस्थाओं के प्रतिनिधि ऐसोसिएशन की सभी सम्बद्ध इकाईयां-संस्थायें/जनपद आ​िद अपने एक प्रतिनिधि का नाम साधारण सभा के गठन के पूर्व अध्यक्ष/सचिव को देंगे। सामान्यतया इनके अध्यक्ष/सचिव दोनों में से एक साधारण सभा के सदस्य माने जायेंगे।

13. साधारण सभा के अधिकार एवं कर्तव्य –

क- उप समितियों को नामित करना, उन्हें जो आवश्यकता हो अधिकार हस्तान्तरित करना।
ख- ऐसे सदस्य अथवा ​िखलाडि़यों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही का अनुमोदन करना जिसका कार्य ऐसोसिएशन के उद्देश्य, नियम व संविधान के विरुद्ध हो तथा उससे ऐसोसिएशन की छवि बिगड़ती हो। ऐसे नामों की संस्तुति प्रशासनिक समिति अनुशासनात्मक कार्यवाही कर उसको साधारण सभा के समक्ष अनुमोदन हेतु रखेगी।
ग- ऐसोसिएशन की बैठकों में संविधान युक्त संगति से उठाये गये प्रश्नों का समाधान करना।
घ- ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों का नियमानुसार चुनाव करना।
ड़- ऐसोसिएशन के कार्याें के लिये भूमि को खरीदना, हायर करना, लीज पर लेना तथा अन्य चल-अचल सम्पत्तियों को खरीदना जो एसोसिएशन के कार्यों के लिए आवश्यक हों।

14. कार्यकारिणी समिति –

ऐसोसिएशन के सम्पूर्ण कार्यों की व्यवस्था करने के लिये कार्यकारिणी समिति का गठन किया जायेगा जिसमें
एक अध्यक्ष, छ: उपाध्यक्ष, एक अवैतनिक सचिव, चार संयुक्त सचिव, एक कोषाध्यक्ष, मान्यताप्राप्त यूनिटों से चुने गये सत्रह सदस्य होंगे जिनका चुनाव साधारण सभा द्वारा किया जायेगा। इसके अतिरिक्त निर्णायक उप समिति का एक प्रतिनिधि सदस्य होगा जिसका चयन निर्णायक उप समिति द्वारा अपने सदस्यों में से किया जायेगा। कुल मिलाकर कार्यकारिणी की संख्या 31 होगी।

15. कार्यकारिणी समिति के कर्तव्य और अधिकार –

क- साधारण सभा के उन सभी निर्णयों के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करना। उसके लिए कदम उठाना
जिन्हें साधारण सभा में पारित किया गया हो।
ख- उप समितियों का गठन करना और उनको सम्बन्धित कार्याधिकार देना।

ग- किसी भी सदस्य, व्यक्ति, ​िखलाड़ी द्वारा ऐसोसिएशन के उद्देश्यों, नियमों व ऐसोसिएशन के विरुद्ध आचरण
करने पर उसे दण्डित करने की कार्यवाही करना।
घ- ऐसोसिएशन के कोष को बनाने के लिए हर प्रकार के कार्य करना, उसकी देखरेख करना तथा उसकी
सुरक्षा का कार्य करना। आवश्यकतानुसार नियमों के अन्तर्गत व्यय करना।

ड़- एसोसिएशन के प्रचार प्रसार के लिए किसी प्रकार के ब्रोसर, बुकलेट, लीफलेट आ​िद का मुद्रण कर उसका
प्रकाशन करना तथा वितरित करना।
च- उन सभी प्रश्नों एवं समस्याओं का समाधान करना जो किसी सदस्य अथवा व्यक्ति द्वारा समिति के समक्ष
प्रस्तुत किये गये हो।

छ- सदस्यों के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति द्वारा किये गये सहयोग कार्य को सूचीबद्ध करना तथा ऐसे व्यक्ति
को उसके अनुरूप किसी उचित उप समिति में नामित करना।
ज- अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/प्रादेशीय स्तर के निर्णायकों, अम्पायर/रेफ्ररी की सूची तैयार करना।

झ- प्रदेश स्तर के ​िखलाडि़यों की वार्षिक वरीयता रैंकिंग सूची तैयार करना।
– किसी प्रकार की रिक्तियों को भरने के लिये सर्व सम्मति से किसी सदस्य को नामित करना अथवा चुनाव
द्वारा उसको भरने का कार्य करना।

16.  उप समितियों का गठन और उनके कार्य –

कार्य समिति गठित होने के साथ ही अपनी पहली बैठक में नीचे उल्लि​िखत उप समितियों का गठन/चयन
करेगी।
क- टूर्नामेंट उप समिति जिसमें 15 सदस्य होंगे।
ख- वित्त उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।
ग- निर्णायक उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।

घ- चयन उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।
ड़- नियम उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।
च- अनुशासन उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।
छ- तकनीकी उप समिति जिसमें 5 सदस्य होंगे।

क- टूर्नामेंट उप समिति –  इस उप समिति में 15 सदस्य होंगे जिन्हें कार्यकारिणी समिति द्वारा सभी पंजीकृत इकाईयों के
प्रतिनिधि सदस्यों से चुना जाएगा। यह उप समिति ऐसोसिएशन द्वारा संचालित किये जाने वाले सभी टूर्नामेंटों के लिए सलाहकार के रूप में कार्य करेगी।

ख- वित्त उप समिति – इस उप समिति में 5 सदस्य होेंगेजिन्हें कार्यकारिणी कार्यकारिणी समिति द्वारा सभी पंजीकृत व
इकाईयों के प्रतिनिधि सदस्यों से चुना जायेगा। इसका कार्य कोष को इकट्ठा करने के लिये उपाय करना होगा। सचिव इस समिति का संयोजक होगा। अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष तथा एक ज्वाइंट सचिव इसके पदेन सदस्य होंग

ग- निर्णायक उप समिति – इस उप समिति में 5 सदस्य होेंगे जिनका चयन कार्य समिति द्वारा
अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/प्रादेशीय/जनपदीय निर्णायकों/अम्पायरों/रेफरी की सूची में से होगा इसका कार्य सामान्यतया सभी निर्णायकों पर नियंत्रण करना तथा समय-समय पर प्रदेश के अन्तर्गत होने वाली प्रतियोगिताओं की सफलतापूर्वक निर्णायकों के सहयोग से संचालित करना होगा। यह समिति समय-समय पर प्रदेश स्तरीय निर्णायकों की परीक्षाओं का भी आयोजन करेगी। इस उप समिति का संयोजक उप समिति के सदस्य अपने में से स्वयं चुनेंगे। जिसकी सूचना वे कार्यकारिणी समिति को देंगे। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव इसके अधिशाषी होंगे।

घ- चयन उप समिति – इस उप समिति में 5 सदस्य होंगे जिन्हें कार्यकारिणी समिति द्वारा सभी पंजीकृत ईकाईयों के
प्रतिनिधि सदस्यों से चुना जायेगा। यह उप समिति राष्टीय स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए प्रदेश के ​िखलाडि़यों का चयन उनके वर्ष भर के खेल उपलब्धियों एवं अनुशासन के आधार पर करेगी। सचिव इसके संयोजक होंगे।

ड़- नियम उप समिति – इस उप समिति में 5 सदस्य होंगे जिन्हें कार्यकारिणी समिति द्वारा सभी पंजीकृत ईकाईयों के
प्रतिनिधि सदस्यों से चुना जायेगा। यह उप समिति नियम/कानून सम्बन्धी किसी प्रकार के विवाद के आने पर कार्यकारिणी समिति को उसके सम्बन्ध में अपनी राय देगी। नियमों के भाव एवं अर्थ को स्पष्ट कर कार्य समिति के समक्ष रखेगी। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष इस समिति के संयोजक होंगे।

च- अनुशासन उप समिति – इस उप समिति में 5 सदस्य होंगे जिन्हें कार्यकारिणी समिति द्वारा सभी पंजीकृत ईकाईयों के
प्रतिनिधि सदस्यों से चुना जायेगा। यह उप समिति किसी संस्था, उसके अनुशासनहीनता अथवा उनके द्वारा किये गये ऐसे कार्य जिसके द्वारा ऐसोसिएशन की छवि पर आघात पहुंचता हो के विरुद्ध जांच करेगी। अध्यक्ष/सचिव इसके संयोजक अधिकारी होंगे।

17. पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य –

1. अध्यक्ष- ऐसोसिएशन की साधारण सभा एवं कार्यकारिणी समिति एवं अन्य सभी बैठकों की अध्यक्षता करना। अध्यक्ष सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी का अधीक्षक, परिविक्षक और मार्ग दर्शक होगा तथा ऐसे सभी कार्य करेगा जो साधारण सभा अथवा कार्यकारिणी द्वारा ऐसोसिएशन के हित में उसे करने के लिये प्रस्ताव द्वारा पारित किये जायेंगे।

  1.  विशेष परस्थिति उत्पन्न होने पर ऐसोसिएशन की साधारण सभा कार्य समिति की असाधारण बैठक बुलाना।

2. उपाध्यक्ष – अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष साधारण सभा एवं कार्यकारिणी समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेगा।

3.सचिव की कत्‍​र्तव्य एवं अधिकार नियमानुसार होंगे –

क- कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार साधारण सभा की बैठक आहूत करना।
ख- कार्यसमिति के निर्णयानुसार साधारण सभा की बैठकें आहूत करना तथा किसी प्रकार का वाद उपस्थिति होने पर न्यायालय में ऐसोसिएशन की ओर से प्रतिनिधित्व करेगा और पक्ष प्रस्तुत करना।

ग- सभी सामान्य तथा विशिष्ट बैठकों की कार्यवाही मिनिट्स को उचित पंजीकाओं में उल्लि​िखत करना तथा सामान्यत: एसोसिएशन से सम्बद्ध सभी मामलों में कन्टोल नजर रखना तथा साधारण सभा/कार्यकारिणी ढउंपसजवरूसभा/कार्यकारिणीझ समिति की बेठकों में पारित किये गये प्रस्तावों, सौंपे गये कार्यों को पूरा करना।

घ- एसोसिएशन की ओर से सभी उचित पत्र व्यवहार करना।

ड़- ऐसोसिएशन की सभी प्रकार की सम्पत्तियों, पत्र-व्यवहार व रिकार्ड का चार्ज लेकर उसे अपने पास सुरक्षित रखेगा।
च- ऐसोसिएशन के लिये ऐसोसिएशन की ओर से धन संग्रह करने का अधिकार उसे होगा। धन को वह कोषाध्यक्ष को हस्तान्तरित करेगा।
छ- सामान्य खर्चों के लिए उसे एक बार में रु0 2000/- दो हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार होगा जिसकी कार्यकारिणी समिति की होनेवाली आगामी बैठक में संस्तुति आवश्यक होगी।

ज- सभी प्रकार के कैरम खेल जिनमें अन्तर्जनपदीय एवं उत्तर प्रदेश कैरम चैम्पियनशिप जनपदीय इकाईयों द्वारा आयोजित किये जाने वाले विभिन्न स्तर के आमंत्रण टूर्नामेन्ट आ​िद के आयोजनों की स्वीकृति प्रदान करना तथा उनके आयोजनों में सहयोग करना।
झ- जिला इकाईयों/प्रदेश में स्थित निगमों, सरकारी अद्‍​र्ध सरकारी, संगठनों में कैरम के खेल को प्रोत्साहित कर उसकी उन्नति करना, उन्हें कैरम साहित्य एवं अधिकृत नियमावली से अवगत कराना तथा विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताओ को आयोजित करना/कराना जैसे प्रदेश एवं अन्तर्जपदीय कैरम चैम्पियनशिप प्रदेश एवं राज्य स्तरीय आमन्त्रण टूर्नामेंट, जोन, मण्डलीय तथा क्षेत्रीय कैरम प्रतियोगिता आ​िद।

4. संयुक्त सचिव – अवैतनिक सचिव के कार्यों को सम्पा​िदत करने में सहयोग करना। उनकी अनुपस्थिति में उनके सभी
अधिकारों एवं कार्यें का निर्वहन करना।

5. कोषाध्यक्ष के कर्तव्य एवं अधिकार निम्नानुसार होंगे –
क- सीधे अथवा सचिव के माध्यम से ऐसोसिएशन के सभी प्रकार के बकाया को वसूल करना तथा उसे बैंक में ऐसोसिएशन के खाते में जमा करना व उसका समुचित प्रापर रिकार्ड रखना।

ख- कार्यकारिणी समिति को आय-व्यय का छमाही व्यौरा देना।
ग- कार्यकारिणी समिति द्वारा साधारण सभा के समक्ष विचारार्थ एवं स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जायेगा।
घ- कार्यकारिणी समिति एवं साधारण सभा की बैठकों के निर्णयानुसार ​िदये गये निर्देशों के अनुरूप कोष को सचिव के माध्यम से वार्षि‍र्क लेखा जोखा आय-व्यय तैयार करना एवं उसे कार्यकारिणी समिति के समक्ष प्रस्तुत करना जिसे निर्देशित कार्यों के लिए व्यय करना।
ड़- ऐसोसिएशन के सभी प्रकार के कोष पर सामान्य नियन्त्रण रखना।

18. साधारण सभा की वार्षिक बैठक –
क- ऐसोसिएशन की साधारण वार्षिक बैठक प्रत्येक वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य होगी जो किसी भी दशा में 31 अगस्त के पूर्व होनी चाहिये।

ख- बैठक के लिए स्थान, ​िदनांक एवं समय के स्पष्ट उल्लेख के साथ बैठक की सूचना अण्डर पोस्टिंग आफ स​िर्टफीकेट द्वारा ऐसे सभी सदस्यों को जो साधारण सभा में सम्मिलित होने के अधिकारी हैं निश्चित तिथि से कम से कम 21 ​िदन पूर्व सचिव द्वारा प्रेषित की जायेगी।
ग- साधारण सभा के निश्चित तिथि के 7 ​िदन पूर्व वार्षिक रिपोर्ट एवं लेखा-जोखा की आडिट कापी उन सभी सदस्यों को अण्डर पोस्टिंग आफ स​िर्टफीकेट के द्वारा प्रेषित की जायेगी जो साधारण सभा में भाग लेने के अधिकारी होंगे।

19. साधारण सभा के अधिकार एवं कत्‍​र्तव्य –
क- उप समितियों को नामित करना, उन्हें जो आवश्यक हो अधिकार हस्ताान्तरित करना।
ख- ऐसे सदस्य अथवा ​िखलाडि़यों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही का अनुमोदन करना जिनका कार्य ऐसोसिएशन के उद्देय, नियम व संविधान के विरुद्ध हो तथा उससे ऐसोसिएशन की छवि बिगड़ती हो। ऐसे नामों की संस्तुति प्रशासनिक समिति द्वारा कार्यकारिणी समिति के समक्ष की जायेगी जिस पर कार्यकारिणी समिति अनुशासनात्मक कार्यवाही कर उसको साधारण सभा के समक्ष अनुमोदन हेतु रखेगा।
ग- ऐसोसिएशन की बैेठकों में संविधान युक्त संगति से उठाये गये प्रश्नों का समाधान करना।

घ- ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों का नियमानुसार चुनाव करना।
ड़- ऐसोसिएशन के कार्यों के लिए भूमि को खरीदना, हायर करना, लीज पर लेना तथा अन्य चल-अचल सम्पत्तियों को खरीदना जो ऐसोसिएशन के कार्यों के लिए आवश्यक हों।

20. कार्यकारिणी समिति –
ऐसोसिएशन के सम्पूर्ण कार्यों की व्यवस्था करने के लिये कार्यकारिणी समिति का गठन किया जायेगा जिसमें एक अध्यक्ष, छ: उपाध्यक्ष, एक अवैतनिक सचिव, चार संयुक्त सचिव, एक कोषाध्यक्ष मान्यता प्राप्त यूनिटों से चुने गये सत्रह सदस्य होंगे जिनका चुनाव साधारण सभा द्वारा किया जायेगा। इसके अतिरिक्त निर्णायक उप समिति का एक प्रतिनिधि सदस्य होगा जिसका चयन निर्णायक उप समिति द्वारा अपने सदस्यों में से किया जायेगा। कुल मिलाकर कार्यकारिणी की संख्या 31 होगी।

21. सूचना न प्राप्त होने पर-
किसी भी सदस्य को नियमत:/समय से भेजी गई बैठकों की सूचना किसी कारणवश समय से नहीं मिलती है अथवा उसके द्वारा उसे लेने से इंकार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भेजी गई सूचना को वैध तरीके सं सम्बन्धित सदस्य को संसूचित माना जायेगा तथा इसका बैठक की कार्यवाही परकोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

22. कोरम-
क- ऐसोसिएशन की साधारण सभा के लिये साधारण सभा के सदस्यों की संख्या का 1/3 एक तिहाई
उपस्थिति अनिवार्य कोरम होगा। य​िद बैठक के लिये कोरम पूरा नहीं है और कोरम के अभाव में बैठक आगामी तिथि के लिये स्थगित की जा रही है तो निश्चित की गई आगामी तिथि के लिए कोरम कोरम की आवश्यक