उत्तर प्रदेश कैरम एसोसिएशन का संक्षिप्त इतिहास

वैसे तो उत्तर प्रदेश में कैरम खेल की गतिविधियां इलाहाबाद में साठ के दशक से ही गोरखपुर, बरेली, लखनऊ , कानपुर शाहजहांपुर में होने वाले टूर्नामेन्टों के माध्यम से शुरू हो चुकी थी जिसमें कैरम के अनन्य प्रेमी स्व0 रामदयाल तिवारी जी के प्रयास से न्यू स्टार क्लब के माध्यम से प्रतियोगिताओं का नियमित सिलसिला चल पड़ा था उस समय गोखपुर के स्व0 मोहम्मद इकबाल साहब औपचारिक रूप से प्रदेश कैरम एसोसियेशन के सचिव का काम देखते रहे ।

उत्तर प्रदेश में कैरम की गतिविधियों को नियमित और विधिवत विस्तारित करने के साथ साथ आल इन्डिया कैरम फेडरेशन से सम्बद्धता प्राप्त करने के लिये उस समय के खिलाडीयो और विभिन्न जनपदों की इकाइयों के सचिवों ने इलाहाबाद में बैठक करके करके प्रदेश में एक एसोसिएशन के गठन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वर्ष 18 जुलाई 1971 में उत्तर प्रदेश कैरम एसोसिएशन का गठन किया गया। जिसके प्रथम अध्यक्ष के रूप में इलाहाबाद की रहने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री माननीया डा0 राजेन्द्री कुमारी बाजपेयी जी और श्री रामदयाल तिवारी महासचिव महासचिव के रूप में चुने गये, बाद में हुये अगले चुनाव में डा0 बाजपेयी जी प्रधान संरक्षक और आर डी0 तिवारी संरक्षक , श्री रामकुमार जायसवाल अध्यक्ष तथा शंकर लाल महासचिव चुने गये । इस बीच दुर्भाग्यबस पदाधिकारियों की कार्यशैली में आपसी मतभेद के चलते एसोसियेशन के आन्तरिक मामले न्यायालय तक पंहुचाये गये जिसके बाद तकनीकी कारणों से बाद एसोसियेसन के नाम के पहले दी शब्द जुड़ गया जो दिर्धकाल तक कायम रहा ।

इसी दौरान सन 1980 में वाराणसी के पटेल धर्मशाला में नव गठित जिला कैरम एसोसियेशन बाराणसी द्वारा वाराणसी में पहली बार सरदार वल्ल्भभाई पटेल स्मृति राज्य स्तारीय टूर्नामेंट का अयोजन किया गया। इसके बाद से प्रदेश कैरम एसोसियेशन में वाराणसी को प्रतिनिधित्व प्राप्त हो गया । ततपश्चात कदाचित बर्ष 1981 में पिलखुआ गाजियाबाद में हई राज्य स्तरीय कैरम प्रतियोगिता के दौरान एसोसियेशन की नई कार्यकारणी का चुनाव हुआ जिसमें रामकुमार जायसवाल जी अध्यक्ष और कानपुर के एस0एस0 कटियार को नया सचिव चुना गया ।

और खेल की गतिविधियां पुन: रफतार पकड़ने लगी । सन 1984 में वाराणसी के पटेल धर्मशाला में हुई उ0प्र0 राज्य सीनीयर कैरम चैम्पियनशिप के दौरान हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में एसोसियेशन के सचिव की कार्यशैली पर प्रश्न उठे और कुछ मतभेद भी उभर कर सामने आये, उसके बाद एसोसियेशन के चुनाव का समय आ पहुचां और इसी वर्ष यानी 1984 में ए0आई0सी0एफ0 के आबजर्वर श्री आर0 के0 मुदगल और बी0के0 हरनाथ जी की देख रेख में लखनऊ में प्रदेश कमेटी का चुनाव कराये जाने प्रयास हुआ परन्तु पर्यवेक्षक द्वय द्वारा दी गयी संविधान विरूद्ध एवं पक्षपातपूर्ण व्यवस्था के विरोध के चलतेें एसोसिएशन सीधे सीधे दो गुटा लखनऊ में ही उसी समय वहीं तात्कालिक अध्यक्ष श्री रामकुमार जायसवाल की अध्यक्षता में नई कमेटी का चुनाव हुआ जिसमें श्री रामकुमार जायसवाल को अध्यक्ष एवं बाराणसी के श्री बैजनाथ सिंह को प्रदेश महासचिव चुना गया।

आल इन्डिया कैरम फेडरेशन के तत्कालीन महासचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण दुर्भाज्ञ बस प्रदेश में में दो समानान्तर कमेटियां लगभग एक दशक तक कायम रहीं । श्री एस0एस0 क​िटयार के सेक्रेटीहशिप में में चल रही अवैधानिक कमेटी को ए0आई0सी0एफ0 के का संरक्षण अवश्य प्राप्त था पर कटियार के नेतृत्व वाली समानान्तर कमेटी अपनी निष्कृयता और पक्षपातपूर्ण संकुचित कार्य शैली के चलते प्रदेश के खिलाड़ियों का विश्वास खेा कर मृत प्राय हो गयी । जब कि श्री बैजनाथ सिंह के नेतृत्व में काम कर रही कमेटी जिसे फेडरेशन जानबूझ कर मान्यता नही दे रहा था उसने गतिविधियों की झड़ी लगा कर रख दिया जिसकी गूंज अन्तत: फेडरेशन तक पंहुच ही गयी ।

संयोग बस उसी समय फेडरेशन में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और दिल्ली के माननीय श्री अशोक शर्मा जी फेडरेशन के नये महासचिव बने थे उन्हों ने उत्तर प्रदेश इकाई की आवज को सुना और अपनी समिक्षा के दौरान पाया कि श्री कटियार के चलते उत्तर प्रदेश के तमाम बेहतरीन खिलाड़ियों का काफी नुकसान हो रहा है और बढ़ चढ़ कर काम करने वाली कमेटी की उपेक्षा करके गणेश परिक्रमा करने वाली कमेटी को ही अब तक फेडरेशन में तरजीह दी जा रही है , अस्तु उन्हों ने उत्तर प्रदेश के मामले में ब्यक्तिगत रूचि लेते हुये वाराणसी का दौरा कर श्री बैजनाथ सिंह के नेतृत्व में चल रही कमेटी की समस्त गतिविधियो की जाकारी प्राप्त करके फेडरेश द्वारा किये गये अन्याय के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त किया।

ततपश्चात वर्ष 1996 दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में माननीय श्री अशोक कुमार शर्मा जी ने कटियार एवं बैजनाथ ग्रुपों क के बीच एक समझौता कराया जिसमें श्री सुनील शास्त्री जी को अध्यक्ष, श्री एस0 एस0 कटियार को अगले चुनाव तक सचिव और श्री बैजनाथ सिंह को बरिष्ठ उपाध्यक्ष बना कर 31 सदस्यीय कार्यकारणी में 16 सदस्य श्री सिंह के और 15 सदस्य कटियार ग्रूप के चयनीत कराया ।

ततपश्चात प्रदेश कार्यसमिति की पहली बैठक वाराणसी के पराड़कर स्मृति भवन में हुई जिसमें सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्री वाई0 आर0 देवगोड़े एवं ए0आई0सी0एफ0 के महा सचिव श्री अशोक कुमार शर्मा जी भी उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता श्री सुनील शास़्त्री जी की अनुपस्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री बैजनाथ सिंह ने किया। इसके पश्चात कुछ सालों तक तक प्रदेश में कैरम की गतिविधयां चलती रहीं जो वर्ष 1998-99 आते आते एक बार फिर उसी स्थिति में पंहुचने लगी जिसमेें खिलाड़ियों और खेलहित को दरकिनार कर ब्यक्तिगत अहं को स्थान दिया जाने लगा । हालात के बारे में फडिरेशन को पुन: अवगत कराया गया और प्रबलमांग की गई  की फेडरेशन अपनी देखरेख में एसोसियेशन के रूके हुये आम चुनाव को यथाशिध्र पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराये जिसे वीकार करने में फेडरेशन ने तीन साल का समय लगा दिया इस बीच फेडरेशन के चहेते तथाकथित सचिव कटियार लम्बी बीमारी से ग्रसित होकर आनबेड हो गये और खेल की समस्त गतिविधियां  एकदम ठप सी होकर रह गईं । इसके बाद एक बार फिर आखिर तमाम अनुरोध और मांग के बाद आखिर फेडरेशन जागा और उसके तत्कालीन महासचिव ने पहल कर वर्ष 2001 में प्रदेश कैरम एसोसियेशन के आम चुनाव की प्रक्रिया को शुरू कराने की पहल किया अन्तत: ए0आई0सी0एफ0 के आबजर्वर और तत्कालीन महासचिव श्री एस0के0शर्मा फेडरेशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष श्री खुर्शीद अहमद खान, उपाध्यक्ष श्री आर0के0 मुदगल की देखरेख में दी उत्तर प्रदेश कैरम एसोसिएशन की कार्यसमिति का चिरप्रतितिक्षित निर्वाचन पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के साथ मेरठ में सम्पन्न हुआ। इस चुनाव में वाराणसी के श्री बैजनाथ सिंह अध्यक्ष, मेरठ के श्री जुल्फिकार अली सचिव व मऊ के श्री इस्तेयाक अहमद निर्विविरोध कोषाध्यक्ष चुने गए।

इस चुनाव के बाद प्रदेश कैरम जगत में एक नये युग की शुरूआत हुई जिसमें राज्य स्तरीय प्रतिस्पद्‍​र्धाओं और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के आयोजनों का एक ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक कायम है । इस बीच उत्तर प्रदेश के सीनीयर जूनीयर, सब जूनियर और बालक बालिका खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से प्रदेश का नाम भारतीय कैरम जगत में सम्मान पूर्वक स्थापित किया जिसका सिलसिला आज तक जारी है , जिससे आज के उत्तर प्रदेश का कैरम गौरव पथ पर निरन्तर अग्रसर है । इस बीच उत्तर प्रदेश कैरम एसोसियेश्न का आम चुनाव और बैठकों का सिलसिला नियमानुसार चलता रहा  जिसमें वर्ष 2015 में एक बार पुन: एक गतिरोध तब पैदा हुआ जब तत्कालीन सचिव ने कार्यकारीणी और अध्यक्ष को दरकिनार कर मनमाना निर्णय करके फेडरेशन के विस्द्ध ही गुट बना कर कार्य करने का दुस्साहस कर डाला फलस्वरूप एसोसियेशन की कार्यकारीणी उन्हें निलम्बित करते हुये कारण बताओ नेाटिस जारी किया और जबाब न देने तथा अनुशासन समिति के समक्ष उपस्थित न होने पर एसोसियेशन के संविधान के अनुसार प्रदेश कैरम एसोसियेशन की साधारण सभा ने उन्हें अपने पद से हटा कर तत्कालीन संयुक्त सचिव और जाने माने खिलाड़ि श्री जहीर अहमद को नियमानुसार अगले निर्वाचन यानी वर्ष 2017  तक कार्यवाहक सचिव नियुक्त कर ​िदया गया ।

वर्ष 2017 में हुये आम चुनाव में माननीय निर्वाचन अधिकारी महोदय की देखरेख तथा आल इन्डिया कैरम फेडरेशन के पर्यवेक्षण में उत्तर प्रदेश कैरम एसोसियेशन की नई कार्यकारीणी चुनी गई जिसमें श्री बैजनाथ सिंह लगातार पांचवी बार अध्यक्ष और श्री  जहीर अहमद पहली बार सचिव और श्री रमेशवर्मा कोषाध्यक्ष के साथ कुल 31 कार्यकारीणी सदस्य विधिवित निर्वाचित हुये । जो कार्यकारीणी आल इडिया कैरम कैरम फेडरेशन के अध्यक्ष माननीय श्री राकिबुल हुसैन साहब और माननीया श्रीमती भारती नारायन जी के संधन संरक्षण में पूरी लगन और निष्ठा के साथ कैरम खेल और उसके खिलाड़ियों की सेवा में अग्रसर है ।